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आईआईटी रूड़की का 175वां वर्ष (मूल्यवर्ग `175) - लकड़ी की पैकिंग (प्रूफ़) - FGCO001111

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भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान रुड़की, इंजीनियरिग, विज्ञान, प्रबंधन, वास्तुकला एवं नियोजन तथा मानविकी व सामाजिक विज्ञान विषयों में उच्च शिक्षा और अनुसंधान में कार्यरत राष्ट्रीय महत्व के अग्रणी संस्थानों में से एक है। वर्ष 1847 में इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान करने हेतु स्थापित किए गए प्रथम संस्थान के रूप में यह अपनी समृद्ध विरासत के 175 वें वर्ष को ‘भविष्य की ओर (लीडिंग द फ्यूचर)’ टैग लाइन के साथ मना रहा है।

अपनी स्थापना के बाद से ही, इस संस्थान ने देश को तकनीकी जनशक्ति और तकनीकी- जानकारी प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आज यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शुमार है और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान जारी रखे हुए है। डॉक्टरेट कार्यक्रमों के अतिरिक्त, यह संस्थान 18 विषयों में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम और इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रबंधन, वास्तुकला और नियोजन तथा मानविकी व सामाजिक विज्ञान की 57 विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है। 500 से अधिक योग्यतम फ़ैकल्टी सदस्यों की सहायता से यह 9000 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है तथा 40,000 से अधिक पूर्व छात्रों के माध्यम से देश और विदेश के कोने-कोने में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज किये हुये है।

आई.आई.टी रुड़की ने 25 नवंबर 2021 को अपनी स्थापना के 175वें वर्ष में प्रवेश किया, और अपने पूर्व छात्रों, वर्तमान छात्रों, स्टाफ सदस्यों तथा अपने अकादमिक और औद्योगिक सहयोगियों के साथ पूरे विश्व में अपनी सफलता का जश्न मना रहा है। 1847 में रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई इसकी स्थापना के बाद से, यद्यपि यह संस्थान विभिन्न नामों से जाना गया, तो भी सदैव उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा और अनुसंधान का एक विश्व प्रतिष्ठित, प्रमुख केन्द्र बना रहा।

सिक्के का मूल्य वर्ग आकार और बाहरी व्यास मानक भार धातु संरचना
केवल एक सौ पचहत्तर रुपये वृत्ताकार

व्यास- 44मिमी

दांतो की संख्या -200

35 ग्राम चतुर्थक मिश्र धातु

चाँदी – 50%, तांबा – 40%

निकेल – 05% and जिंक - 05%